शिवाजी का अनूठा साहस
पुणे के नजदीक नचनी गाँव में एक आदमखोर चीते का आतंक छाया हुआ था. वह अचानक गाँव में हमला करके जंगल में जाकर ओझल हो जाता था. डरे हुए गाँव वाले अपनी इस समस्या लेकर शिवाजी के पास पहुँचे.
और उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई, “हमें उस खतरनाक चीते से बचाइये. वह ना जाने कितने बच्चों को मार चुका है, ज्यादातर वह हम सब सो रहे होते हैं, तब हमला करता है.”
शिवाजी ने धैर्यपूर्वक ग्रामीणों को सुना और आश्वस्त किया, ”आप लोग चिंता मत करिये, मैं यहाँ आपकी मदद करने के लिए ही हूँ .”
शिवाजी अपने साथ यसजी और कुछ सैनिकों लेकर जंगल में चीते को मारने के लिए निकल पड़े . बहुत ढूँढने के बाद जैसे ही वह सामने आया, सैनिक डर कर पीछे हट गये, पर शिवाजी और यसजी बिना डरे उस पर टूट पड़े और पलक झपकते ही उसे मार गिराया. गाँव वाले खुश हो गये और शिवाजी की जयजयकार करने लगे.

0 comments:
Post a Comment