प्रशासक समिति
जय सनातन:-जय पञ्चाङ्ग
आज का हिन्दू पंचांग
हिन्दी तिथि- भाद्रपद,कृष्ण,१२ (२:२० के बाद)
दिनांक 15 अगस्त 2020
दिन - शनिवार
विक्रम संवत - 2077
शक संवत - 1942
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा
मास - भाद्रपद
पक्ष - कृष्ण
तिथि - एकादशी दोपहर 02:20 तक तत्पश्चात द्वादशी*
नक्षत्र - मॄगशिरा सुबह 06:36 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
योग - हर्षण सुबह 09:09 तक तत्पश्चात वज्र*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:19 से सुबह 10:55 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:18*
⛅ *सूर्यास्त - 19:07*
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - अजा एकादशी, स्वतंत्रता दिवस*
💥 *विशेष -*
*🙏पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जन्मदिन (AIM FOR SEVA संस्थापक)
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
विष्णुपदी संक्रांति
जप तिथि : 16 अगस्त 2020 रविवार को ( विष्णुपदी संक्रांति )
पुण्य काल सुबह दोपहर 12:43 से सूर्यास्त तक |
विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)
शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु
सोते समय किसी सफेद कागज में थोडा-सा कपूर रखें और प्रात: उसे घर से बाहर जला दें | इससे घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है |
अजा एकादशी
यह व्रत सब पापों का नाश करनेवाला है | इसका माहात्म्य पढ़ने व सुनने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है |
इससे आपके घर में सुख-शांति की वृद्धि होगी
संध्या के समय घर में किसीको सोना नहीं चाहिए | उस समय घर के प्रत्येक कक्ष में कुछ देर के लिए रोशनी अवश्य कर दें | यदि सम्भव हो तो बीमार व्यक्ति भी भले बिस्तर पर ही सही, निद्रा त्यागकर बैठ जाय | सभी लोग मन-ही-मन भगवन्नाम का सुमिरन करें | इससे घर में सुख-शांति की वृद्धि होती है |

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